1 नवम्बर 2024 शुक्रवार नई दिल्ली: Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा भारत के प्रमुख त्योंहारों में से एक है जो दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है. और इसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है. इसका विशेष महत्व है. विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में. इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर यानी कल है.

दीपावली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि को अन्नकूट और गोवर्धन की पूजा की जाती है. मुख्यतः, ये प्रकृति की पूजा है जिसका आरंभ भगवान कृष्ण ने किया था. इस दिन प्रकृति के आधार के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा की जाती है. ये पूजा ब्रज से आरंभ हुई थी और धीरे धीरे भारत में प्रचलित हो गई. 

इसके पीछे की कथा आती है की इंद्र की पूजा ना करके भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाई. और जब ब्रज जलमग्न हो गया तो भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठा कर के ब्रजवासियों की रक्षा की थी. इस बार अन्नकूट और गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को की जाएगी. 

गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवबंर यानी आज शाम को 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 2 नवंबर यानी कल रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार गोवर्धन और अन्नकूट का त्योहार 2 नवंबर को ही मनाया जाएगा. 

गोवर्धन पूजन के लिए ये मुहूर्त रहेंगे 

– एक मुहूर्त सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

दूसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. 

– तीसरा मुहूर्त शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. 

गोवर्धन पूजन विधि (Govardhan Puja 2024 Pujan Vidhi) 

इस दिन सबसे पहले शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करें. इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं. साथ ही उस पर्वत को घेरकर आसपास ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृति बनाएं. उसके बाद गोवर्धन के पर्वत के बीचोंबीच भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर लगाएं. इसके बाद गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा करें. पूजन करने के बाद अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें. इसके बाद भगवान कृष्ण को पंचामृत और पकवान का भोग लगाएं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग गोवर्धन पर्वत की प्रार्थना करते हैं, उन लोगों की संतान से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

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